DC जनरेटर क्या होता है | DC जनरेटर कैसे काम करता है

Dc जनरेटर एक ऐसी मशीन जो बिजली को उत्तपन करता है । जिसकी मदद से हम बिजली को यूज़ करते हैं और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चला पाते हैं । Dc जनरेटर हमारे जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं । आगे हम जानेंगे की dc जनरेटर क्या होता है और dc जनरेटर कैसे काम करता है

 

DC जनरेटर की खोज किसने की :

Dc जनरेटर की खोज महान वैज्ञानिक थॉमस एडिसन ने की थी । यह सबसे पहले और पहला बनाया गया ऐसा जनरेटर है जो की करंट को तैयार करता है । इसमें से जो करंट बाहर निकलता है वह dc करंट होता है । DC करंट को डायरेक्ट करंट कहा जाता है जो कि एक ही दिशा में आगे बहता है और जो हमें डायरेक्ट मिलता है ।
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DC generator in hindi | DC जनरेटर क्या होता है :

DC जनरेटर एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जी मैकेनिकल एनर्जी को बदलती है इलेक्ट्रिक एनर्जी में । मैकेनिकल एनर्जी का मतलब होता है जब हम अपने हाथों से जनरेटर की शाफ्ट को घुमाते हैं उसे मैकेनिकल एनर्जी कहा जाता है और जब यही मैकेनिकल एनर्जी dc जनरेटर को मिलती है यानि की जब जनरेटर की शाफ्ट को हम घुमाते हैं तो उसमें से dc करंट उत्तपन होता है । डायरेक्ट करंट वह करंट होता है जो एक ही दिशा में आगे बढ़ता रहता है और जिसकी दिशा कांस्टेंट होती है ।
 

Parts of DC generator in hindi | DC जनरेटर के पार्ट्स :

DC जनरेटर कैसे काम करता है इससे पहले आपको इसके अंदरुनी पार्ट्स के बारे में जानना होगा । इसका चित्र आप निचे देख सकते हैं । सबसे पहले इसकी रॉड से शुरुआत होती है जिसके ऊपर ताम्बे के तार की वाइंडिंग होती है जिसको रॉड के ऊपर लगे कम्यूटेटर से जोड़ दिया जाता है कम्यूटेटर में ताम्बे की पत्तियां लगी होती हैं जिसको डायरेक्ट वाइंडिंग की तार के साथ जोड़ दिया जाता है । कम्यूटेटर के ऊपर पत्तियां कितनी लगी होती है यह निर्भर करता है की वाइंडिंग की मात्रा कितनी है । अगर वाइंडिंग दो होती है तो कम्यूटेटर में पत्तियां दो लगी होगी और अगर वाइंडिंग 3 है तो कम्यूटेटर में तिन पत्तियां लगी होंगी । कम्यूटेटर में लगी सभी पत्तियां एक दूसरे के साथ जुडी नहीं होती उसमें फासला रखा जाता है ताकि पत्तियां आपस में कनेक्ट ना हो सके । इसके बाद इसके आसपास चुम्बक लगाया जाता है जिसका s पोल और n पोल को वाइंडिंग के सामने रखा जाता है जो करंट बनाने में मदद करता है । कुछ dc जनरेटरों में गोल आकार के चुम्बक के बीच में ही वाइंडिंग को लगाया जाता है । आगे हम जानेंगे कु dc जनरेटर कैसे काम करता है ।
 

DC जनरेटर कैसे काम करता है :

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हमेशा चुम्बक के आसपास मैग्नेटिक फील्ड बनता है जिससे जनरेटर के अंदर चुम्बक का s पोल और n पोल सामने होने से इसका चुम्बकीय क्षेत्र यानि की मैग्नेटिक फील्ड का प्रभाव पड़ता है इस वाइंडिंग पर या वाइंडिंग जब चुम्बक के मैग्नेटिक फील्ड के अंदर आती है तो उसके बाद जब रॉड को घुमाया जाता है तो उसके बाद रॉड के घूमने से वाइंडिंग में करंट बनना और फ्लो होना शुरू हो जाता है । करंट तभी बनता है जब रॉड के घुमने से इसका चुम्बकीय प्रभाव वाइंडिंग पर पड़ता है । अगर वाइंडिंग 10 हो या 3 चुम्बक का प्रभाव कम से कम 2 वाइंडिंग पर पड़ना ही चाहिए तभी कर्रेंग बनना शुरू होगा । लेकिन अगर चुम्बक की मात्रा अधिक होती है तब उसका मैग्नेटिक फील्ड सभी वाइंडिंग पर पड़ता है जिससे सभी वाइंडिंग में करंट बनने लगता है जिससे करंट अधिक मात्रा में बनता है ।

एक अच्छा और अधिक बिजली बनाने वाला dc जनरेटर वही होता है जिसके अंदर वाइंडिंग की मात्रा अधिक होती है और चुम्बक पॉवरफुल होता है । पॉवरफूल चुम्बक होने से चुम्बक का चुम्बकीय क्षेत्र बड़ा और मजबूत बनता है जिससे जनरेटर को तेज़ घुमाने से अधिक मात्रा में बिजली तैयार कर सकते हैं । चुम्बक और वाइंडिंग दोनों जितनी ज्यादा नजदीक होगी उतना ही जनरेटर अधिक बिजली बनाने की क्षमता रखता है अगर वाइंडिंग और चुम्बक दूर होगा तो उससे चुम्बक का चुम्बकीय प्रभाव वाइंडिंग पर बहुत कम पड़ता है जिससे करंट भी कम बनता है ।
 
इसीलिए पॉवरफुल dc जनरेटर को बनाने के लिए कंपनियां जनरेटर के अंदर अधिक और बढ़िया वाइंडिंग और पॉवरफुल चुम्बक को लगती है । इसके बाद दोनों को जितना नजदीक हो सके रखा जाता है । जिससे dc जनरेटर अच्छी तरीके से और अधिक बिजली बना पाता है ।
 

DC जनरेटर के काम करने का प्रक्टिकल :

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चित्र के अनुसार हमने एक छोटा dc जनरेटर को लिया है जो की बिल्कुल मोटर की तरह दिखाई देता है, जिसको हमने बल्ब के साथ जोड़ा है जैसे ही हम जनरेटर की शाफ्ट को घुमाते हैं तो जनरेटर से करंट तैयार होकर बाहर से बल्ब की ओर जाता है जिससे बल्ब जगने लगता है । जितना अधिक तेज़ स्पीड से जनरेटर को घुमाओगे उतना ही अधिक dc जनरेटर बिजली बना पायेगा । लेकिन एक बात का जरूर ध्यान रखें बहुत तेज़ गति से जनरेटर को घुमाने से बिजली अधिक उत्तपन होती है जिससे बल्ब सड़ने का खतरा भी बन सकता है ।

 

DC जनरेटर के करंट का डायग्राम :

जैसे कि हमने आपको ऊपर बताया था कि dc जनरेटर से पैदा हुआ करंट बार-बार अपनी दिशा नहीं बदलता है लेकिन यह करंट ऊपर नीचे होता रहता है ।

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कई बार यह 0 लाइन पर आ जाता है उस वक्त करंट बन्द होता है, जिससे अगर बार-बार 0 लाइन पर आ जाये तो इसका मतलब dc जनरेटर से तैयार हुआ करंट बार-बार बन्द और चालू हो रहा है । जोकि ऐसा होना साधारण बात है इस को रोकने जा तरीका बस यही है कि वाइंडिंग की मात्रा अधिक कर दें तो करंट बार-बार बन्द और चालू नहीं होगा लगातार करंट आता रहेगा । ऊपर की लाइन पॉजिटिव और नीचे की लाइन नेगेटिव की होती है । 

 

DC जनरेटर का उपयोग :

वैसे तो dc जनरेटर का उपयोग ac जनरेटर के मुकाबले कम ही किया जाता है लेकिन इसकी मदद से हम कई उपकरणों को बना सकते हैं या कोई ऐसी चीज़ बना सकते हैं जो बिना किसी खर्चे के बिजली बना सके । इसके मुख्य उपयोग किन-किन जगहों में किया जाता है वो आप नीचे देख सकते हैं ।

  • साइंस प्रोजेक्ट्स में :
Dc जनरेटर का उपयोग साइंस प्रोजेक्ट्स में अधिक होता है । साइंस प्रोजेक्ट में ऐसा प्रोजेक्ट तैयार करना होता है जो प्रोजेक्ट बिना किसी फ्यूल के बिजली बना सके । जैसे विंडमिल या जनरेटर को घुमाने से कैसे बिजली बनती है इत्यादि । ये सब कुछ साइंस प्रोजेक्ट में शामिल होता है ।
 
  • बैटरी चार्जिंग में :
इसका उपयोग डायरेक्ट बैटरी चार्जिंग करने के लिए कर सकते हैं । जनरेटर को साइकिल के पीछे शाफ्ट के जरिये जोड़ कर उसके बाद साइकिल को तेज़ी से घुमाने से dc करंट तैयार होता है और उसी करंट को हम बैटरी में जमा कर सकते हैं या कोई ऐसा उपकरण चला सकते हैं जो dc करंट पर चलता है ।
 

DC जनरेटर के फायदे :

  1. डायरेक्ट बैटरी चार्ज इस dc जनरेटर से कर सकते हैं ।
  2. अधिक मात्रा में बिजली तैयार कर सकते हैं ।
 

DC जनरेटर की कमियां :

  1. इस जनरेटर को बिजली उत्पादन वाले क्षेत्रों में इस्तेमाल नहीं कर सकते क्योंकि बिजली उत्पादन करने वाले क्षेत्रों में ac करंट को तैयार करना होता है और पॉवर सप्लाई ac करंट की ही होती है । जब की यह जनरेटर dc करंट ही बनाता है ।
  2. डैम और नदियों में बिजली बनाने के लिए इस प्रकार के जनरेटर का उपयोग नहीं किया जाता ।

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